Thursday, July 05, 2007

हिंदी-भाषा प्रेमियों, नमस्कार.... हिंद-युग्म कोई नया ब्लाग नही है, मगर मेरा इससे जुड़ाव अभी नया ही है....शैलेश भारतवासी और उनका पूरा दल हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुंचाने में जी-जान से लगा है... कविता को माध्यम बनाकर बहुतायत हिंदी-प्रेमियों की काव्य-क्षुधा भी मिट रही है और हिंदी भाषा भी फल-फूल रही है.......आप भी ज़रूर उनका यह प्रयास देखें, ना सिर्फ देखें बल्कि उनकी काव्य-प्रतियोगोताओं में हिस्सा भी लें, सदस्य बनें......मेरे ख़याल से हिंदी भाषा के अन्य चिटठा-समूहों से हिंद-युग्म का प्रयास बिल्कुल अलग है......ये है कि ब्लाग अपनी संतुष्टि का माध्यम हैं, मगर क्या बुराई है कि बाक़ी लोगों का भी ख्याल रखा जाये, जो इन्टरनेट पर चक्कर तो मारते हैं मगर ये पता नही होता कि हिंदी कि सेवा कैसे करें........ एक बार जरुर देखें.......... http://www.merekavimitra.blogspot.com/ निखिल आनंद गिरि

3 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

आपका प्रयास सराहनीय है बधाई।

चिराग जैन CHIRAG JAIN said...

उपमान और उपमेय के अंतर की अनुमोदना के लिए धन्यवाद!
कदाचित आप भी सृजन की इस वेदना को उतने ही निकट से अनुभूत करते हैं......

-चिराग जैन

DUSHYANT said...

वाह लिखते रहें लिखने में ही गति है , शुभकामनाएं